हमारी पवित्र यात्रा
2019 में, जब संपूर्ण विश्व ठहर सा गया था, हमारे संस्थापक आचार्य योगेश भारद्वाज ने एक गहन अवलोकन किया: बच्चों और परिवारों के पास पहले से अधिक समय था, किंतु वे अपनी जड़ों से दूर होते जा रहे थे। अभिभावकों ने संपर्क किया और पूछा, "आज की दुनिया में हम अपने बच्चों को धर्म के बारे में कैसे सिखाएँ?"
इस प्रश्न ने शास्त्रकुलम के निर्माण की प्रेरणा दी — कोई साधारण ऑनलाइन शिक्षा मंच नहीं, बल्कि एक डिजिटल गुरुकुल जो ज्ञान के पवित्र परंपरा का सम्मान करते हुए आधुनिक शैक्षणिक उत्कृष्टता को अपनाता है।
आज, शास्त्रकुलम विश्वभर के परिवारों की सेवा कर रहा है, उन्हें संरचित, आयु-उपयुक्त पाठ्यक्रमों के माध्यम से भारत के सार को पुनः खोजने में सहायता करता है, जो प्राचीन ज्ञान और समकालीन शिक्षण पद्धतियों को सहजता से एकीकृत करते हैं।
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हमारा मिशन
प्रत्येक परिवार को, उनके स्थान या पृष्ठभूमि के बावजूद, प्रामाणिक सनातन शिक्षा सुलभ बनाना, सावधानीपूर्वक संरचित, आयु-उपयुक्त शिक्षण अनुभवों के माध्यम से जो आध्यात्मिक विकास और व्यावहारिक ज्ञान दोनों को पोषित करते हैं।
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भारत 2047 के लिए दृष्टि
2047 तक, हम धर्म-केंद्रित व्यक्तियों की एक पीढ़ी की परिकल्पना करते हैं जो सनातन मूल्यों में गहराई से निहित हों, किंतु वैश्वीकृत विश्व में अग्रणी बनने में सक्षम हों, भारतीय विचार और संस्कृति के पुनर्जागरण का सृजन करते हुए।